Movie reviewed By---Akash Kumar |
नक्सलवाद की समस्या पर केन्द्रित यह फिल्म अपने मक़सद में काफी हद तक कामयाब रही है. आज जहाँ सिनेमा गाँवों से मुंह मोड़ रहा है वहीँ प्रकाश झा अपनी इस फिल्म के माध्यम से ग्रामीण इलाकों के समस्याओं की बखूबी तसदीक़ करते नज़र आते हैं.
पृष्ठभूमि है नंदीघाट नामक मध्य भारत के एक नक्सल-प्रभावित जिले की. आदिल खान ( अर्जुन रामपाल) नामक एक कर्मठ पुलिस अधिकारी वहां एस.पी बनकर जाता है. राजन (मनोज बाजपेयी) की अगुवाई में नक्सलियों का इस जिले में वर्चस्व है. नंदीघाट में 'सरकार' की नहीं, नक्सलियों के 'जनताना सरकार' की चलती है. जनता भी नक्सलियों के साथ है.
फिल्म में कथित विकास की अवधारणा पर भी सवाल उठाये गए हैं. पॉवर प्रोजेक्ट के लिए ग्रामीणों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किया जाता है.इससे जनता का रोष काफी बढ़ जाता है और साथ-साथ तेजी मिलती है नक्सली आन्दोलन को. आदिल नक्सली गतिविधियों को हतोत्साहित करने के लिए राजन के गिरफ़्तारी की अहमियत को भांप लेता है. वह अपने दोस्त कबीर (अभय देओल) को बतौर मुख़्रबिर नक्सलियों के पास भेजता है. कबीर के सहारे पुलिस राजन को अपनी गिरफ्त में ले लेती है और नक्सलियों को काफी क्षति पहुँचती है. इधर कबीर को तंत्र की विफलता और पुलिसिया बर्बरता के 'चक्रव्यूह' में नक्सलियों द्वारा अपनाया गया रास्ता, एकमात्र रास्ता लगने लगता है और अब वह मन से भी नक्सली हो जाता है.
फिल्म काफी अच्छी बनी है. कलाकारों ने बेहतरीन एक्टिंग की है. अर्जुन रामपाल एक पुलिस औफ़िसर की भूमिका में जंचे हैं. अभय देओल का तो जवाब नहीं- उन्हें ऑफबीट फिल्मों का राजकुमार कहा जाये तो को अतिश्योक्ति नहीं होगी. मनोज बाजपेयी ने छोटा मगर दमदार रोल निभाया है- उनके हरेक संवाद पर सिनेमा हॉल तालियों से गूँज उठता है. ओम पूरी ने भी अपने किरदार के साथ न्याय किया है. महिला कलाकारों में अंजलि पाटिल ने नक्सली कमांडर जूही के अपने किरदार को जीवंत कर दिया है. फिल्म का संगीत औसत दर्जे का है- 'महंगाई' वाले नाट्य गीत को छोड़ कोई भी गाना अपनी छाप नहीं छोड़ता. निर्देशन व फिल्मांकन क़ाबिले-तारीफ़ है.
'प्रकाश झा टच' पूरी फिल्म में मौजूद है जो की इसे असल जिन्दगी के काफी करीब लाती है. दामुल, मृत्युदंड, गंगाजल, राजनीति,आरक्षण और अब चक्रव्यूह- प्रकाश झा ने यहाँ भी अपना १०० प्रतिशत दिया है. यह मूवी नक्सलियों के प्रति आम आदमी के दृष्टिकोण को सशक्त करती है. इस फिल्म की ढेर सारी खूबियाँ इसे बनाती हैं---
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Chakravyuh - A War You Cannot Escape | |
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Directed by | Prakash Jha |
Produced by | Prakash Jha Sunil Lulla |
Written by | Anjum Rajabali Sagar Pandya |
Screenplay by | Anjum Rajabali Prakash Jha |
Starring | Arjun Rampal Abhay Deol Manoj Bajpayee Kabir Bedi Om Puri Anjali Patil Esha Gupta Sameera Reddy |
Music by | Salim-Sulaiman, Aadesh Shrivastava, Shantanu Moitra, Sandesh Shandilya, Vijay Verma. |
Cinematography | Sachin Krishna |
Editing by | Santosh Mandal |
Studio | Prakash Jha Productions Eros International Media Ltd (EIML)[1] |
Distributed by | Base Industries Groups |
Release date(s) |
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Country | India |
Language | Hindi |
Box office | 7.00 c (3 day domestic nett)[3][4][5] |
लगता है इस फिल्म में भी मार धाड़ और खून खराबा जम के होगा..अपने लिए नहीं है.समीक्षा अच्छी है.
ReplyDeleteनहीं-नहीं शिखा जी....ऐसी बात नहीं है की फिल्म में मार-धार काफी ज्यादा है.....और एक बात और यह कि आपको यह फिल्म देखनी चाहिए.......
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