बिहार में नगर निकाय चुनावों का मौसम अभी-अभी ही बीता है. चुनाव की तैयारियों ने आम आदमी की ज़िन्दगी में भी भारी दखल दिया. चुनाव के दौरान सभी सच्चे मन से अपने-अपने काम में लगे हुए थे....चुनाव आयोग मतदान को आदर्श बनाने की तैयारी में, प्रत्याशी गण वोटरों को रिझाने में और मतदाता गण प्रत्याशियों ( एक साथ कई) का पैसा खाने में. भले ही वोटरों ने चुनाव के दौरान कैंची छाप वाले प्रत्याशी की जेब कैंची से कतर डाली पर अब चुनावों के बाद कैंची तो वार्ड के विकास प्रस्तावों पर ही चलनी है. प्रत्याशियों का प्रचार कर रहे रिक्सों ने तो लोगों का जीन हराम कर दिया था. इसी बहाने ही सही, पर सभी सम्मानित नागरिकों के लबों पर तो मुन्नी की बजाए वतन का नाम आ तो गया था. चुनाव आयोग भी कैंडीडेट्स की मंशाओं से भली भांति परिचित था, तभी तो इतने सटीक चुनाव चिह्न जारी किये जा रहे थे. उदाहरण के लिए देख लें, ताला और चाबी छाप यानी वार्ड के विकास पर ताला....चाबी गयी पानी में. हेलीकॉप्टर छाप यानी जीतने के बाद हेलीकॉप्टर से ही भेंट होगी. पतंग यानी चुनाव ख़त्म और जनता जनार्दन के हाथों से गुड्डी की डोरी छुटी.
चुनाव तो ख़त्म हो गए हैं और स्थिति है जस-की-तस. चुनाव प्रक्रिया का उद्धार हो न हो....अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं से अवगत करा मेरी वेबसाइट का उद्धार तो करते चलिए पाठक मित्रों.....
- आकाश कुमार
akashmanofsky@gmail.com
चुनाव कार्टून |
Post a Comment
Please Share your views about JeevanMag.com