दो सिरफिरे फिलॉसफर जोर जोर से बातेँ करते जा रहे थे |
पहला कह रहा
था - देखो !
मुझे सफाई
बहुत पसंद है
सो मैँ हमेशा अपने आप को
गंदगी से दूर
रखता आया हूँ|
दूसरा तपाक से
बोल पड़ा-देखो ! गंदगी मुझे भी बिलकुल पसंद
नहीँ सो मैँ
सदा से इसे
अपने से दूर
हटाता आया हूँ |
थोड़ी देर के लिए मैँ भी सिरफिरा हो गया |
नंदलाल मिश्र 'सुमित'
समस्तीपुर
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