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कथा‍-कहानी

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अनमोल वचन

Wednesday, 25 July 2012

देश की हालत- आकाश कुमार


 
 -आकाश कुमार (संपादक)(14 वर्ष)
आज हमारे देश में,
रिश्वत बन गया है जीवन का दस्तूर,
अधिकार की सब करते बात,
कर्तव्य नहीं मंजूर।

अधीर है इंसान,
पसरा है आतंकवाद।
बचें नहीं हैं,
प्रचारक सुख -शान्ति के,
बचें नहीं हैं,
निवारक क्लेश के,
बचें हैं अगर कोई,
तो वे हैँ रिश्वतखोर अफसर,
जो चलते हैं बड़ी बड़ी कारों पर,
बचे हैं अगर कोई,
तो वे हैं घोटालेबाज नेता,
जो हैं देश की शान्ति के क्रेता और विक्रेता।

आम आदमी झेल रहा है,
महंगाई की मार,
आतंकवाद से जुड़ गये हैं,

हमारे देश के तार।

सरकारी विज्ञापनों पर होता है
रिश्वत लेने का पैगाम,
पर बिना रिश्वत होता नही है,
कोई भी काम।

करे तो क्या करे आम आदमी ?
-         s/o विजय कुमार उपाध्याय , डा. शम्भू शरण के पश्चिम, बेलबनवा,मोतिहारी-845401,बिहार
-         akash@jeevanmag.tk

Wednesday, 18 July 2012

हिंदी इ-बुक्स डाउनलोड !!!

दोस्तों,
आज से आपका प्यारा जीवन मैग शुरू कर रहा है एक नयी श्रृंखला...जीवन मैग के साथ जुड़े  रहें और डाउनलोड करें हिंदी और अंग्रेजी साहित्य की अनमोल कृतियाँ .आपकी खिदमत में पेश है पहली कड़ी हिंदी के अनमोल साहित्य के खजाने से २५ सिक्के,पर हाँ याद रखना ये सभी सिक्के खरे सोने के हैं   ------

१.आनंदमठ - बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय 

२.अमृता प्रीतम की कवितायेँ

३.एक  गधे की वापसी -कृष्ण  चंदर 

४.गीतांजलि by RabindranathTagore

५.ग़ालिब की शायरी 

६.गोदान  -Munshi Premchand

७.मधुशाला  by Harivanshrai Bachchan

८.हरिशंकर पारसी की व्यंग्य रचनाएँ 

९.हरिशंकर पारसी की व्यंग्य रचनाएँ 2

१०.हरिवंशराय बच्चन की प्रतिनिधि रचनाएँ

११.कबीर के दोहे 

१२.कामायनी by Jayshankar Prasad

१३.निर्मला  by Munshi premchand

१४.प्रेमचंद की रचनाएँ 

१५.रहीम के दोहे 

१६.शरद जोशी  के व्यंग्य लेख 

१७.देवदास-शरतचंद्र

१८.रविंद्रनाथ टैगोर के अनमोल वचन 

१९.रामचरितमानस -गोस्वामी तुलसीदास

२०.अंग्रेजी-हिंदी डिक्सनरी





Saturday, 14 July 2012

महात्मा की भूली बिसरी यादों को संजोए-गाँधी स्मारक,मोतिहारी- आकाश कुमार

                  



 ---आकाश कुमार (प्रमुख संपादक ) (14 वर्ष )


शहर के ह्रदयस्थली में अवस्थित महात्मा गाँधी सत्याग्रह स्मारक सह संग्रहालय,गाँधी सर्किट का एक महत्वपूर्ण अंग है. चम्पारण सत्याग्रह की याद दिलाता यह स्मारक एक बड़े पर्यटन स्थल में विकसित होने 
 की क्षमता रखता है. ग़ौरतलब है कि इसी चम्पारण की मिट्टी ने गाँधीजी को एक महात्मा के रुप में स्थापित किया था. आख़िर कुछ तो था इस महीयसी मिट्टी में जिसमें बोए गए सत्याग्रह के बीजों को हिन्दुस्तान की आवाम ने आजादी की फसल के रुप 
 में काटा.
                                                                   
                             चलिए चलते हैं आत्मा में अहिंसा
 का मधुर संगीत सुनने गाँधी स्मारक. जरा रुकिये
 महाशय, टिकट तो कटा लीजिए. मात्र रुपए, फिर
 तो आपको छूट है गाँधी दर्शन की रसधारा में गोते
 लगाने की. प्रवेश करते ही दिखेंगी आपके स्वागत 
 हेतु प्रतीक्षारत पुष्पों की क्यारियाँ. फिर, दायीं तरफ 
 मिलेंगे आपके बचपन की यादों को ताज़ा करने के 
 लिए लगाए गए झूले. भूख लगी है? बायीं तरफ़ है 
 कस्तूरबा स्मृति कैंटीन,जहाँ आप अपने क्षुधा की 
 तृप्ति कर सकते हैं. अफ़सोस, साधनों के अभाव में 
 दम तोड़ चुके एक फव्वारे के भी वहाँ दर्शन हो  
 जायेंगे. गुजराती वेशभुषा में गाँधीजी की दुर्लभ 
 आदमकद मूर्ति भी है. आगे संग्रहालय है, जहाँ
 आप गाँधी दर्शन से जुड़े पहलुओं से रु‍--रु हो
 सकते हैं.
 गाँधीजी से जुड़े चित्र, उनके द्वारा इस्तेमाल किए
गए सामान से लेकर होर्डिंग्स पर लिखे गए उनके
अमृतवचन-सभी तो हैं यहाँ. इसके अलावा खुदाई
 से प्राप्त प्राचीन अवशेषों को भी लोक-अवलोकन
 के लिए यहाँ रखा गया है. ऊपर पुस्तकालय है जहाँ
 केवल सदस्यों को जाने की अनुमति है. संग्रहालय
 से निकल आगे बढ़िए और गाँधी शान्ति स्तंभ
 विश्व समुदाय को सत्य अहिंसा का संदेश देता 
 मिलेगा. स्तंभ से पूर्व हीं मार्ग के दोनों ओर दो 
 बड़े बड़े संगमरमर के पट्टों पर गाँधीजी का 1917
  में एस॰डी॰ओ॰ के समक्ष दिया गया बयान अंकित 
 है. इसे पढ़ने से चम्पारण सत्याग्रह को समझने 
 में मदद मिलती है. इन सबके अलावा भारतीय 
 सहनशक्ति अंग्रेजी क्रूरता का प्रतीक, नील भी 
 आपके आकर्षण का केंद्र बन सकता है.
                                           
   तो फिर आइए,
 चम्पारण आपको पुकार रहा है. यहाँ और भी कई
 आश्चर्य आपका इंतजार कर रहे हैं. सुनना चाहे्ंगे
और क्या‍-क्या है यहाँ...तो सुनिए, मोतिहारी स्थित
 मिलेनियम राईटर जॉर्ज आरवेल का जन्म स्थान,
 केसरिया में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा बौद्ध  
स्तूप, अरेराज का सोमेश्वर महादेव मंदिर,सीता कुंड,
सागरडीह का स्तूप, लौरिया नंदनगढ़ का बौद्ध स्तंभ,
 चाणक्य की भूमि चाणकीगढ़, हिमालय के शिवालिक
 अंचल की रमणीक पहाड़ियाँ बाघों का निवास 
 स्थान वाल्मिकीनगर वन और उदयपुर जंगल जैसे 
 अनन्य पर्यटन स्थल.
हाँ, आने पर मुझसे संपर्क करना भूलिएगा...
                   
                                                              
  -s/o विजय कुमार उपाध्याय , डा. शम्भू  शरण
    के पश्चिम, बेलबनवा,मोतिहारी-845401,बिहार

A series of skype group conversations beetween students from India & Pakistan

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