JeevanMag.com

About Us

कथा‍-कहानी

यह भी जानो!

अनमोल वचन

Friday, 9 October 2015

शरद ऋतु का आगमन (फ़ीचर) -अबुज़ैद अंसारी

अक्टूबर माह की शुरुआत हो गई, दिन एक - एक कर के गुज़र रहा है, साथ ही मौसम करवटें ले रहा है। अब शाम दूसरी ऋतुओं की तुलना में जल्दी होती है। रात के आखरी पहर में हल्की - हल्की ठंडक चादर ओढ़ने और पंखा बंद करने पर मजबूर करती है। मौसम के आने की इस आहट से लगता है कि अब अधिक दिन नहीं बचे शरद ऋतू के आने में, हर प्रकार के मौसम में अलग ही आकर्षण होता है चाहे सर्दी हो या गर्मी या बसंत या बरसात सब अपने आप में सुन्दर, आकर्षण और बहुत ही अलौकिक हैं जो इस धरती पर फैली समस्त प्राकृतिक को खुद में समेट कर अपने रंग में रंगने में सक्षम हैं। सर्दियों के मौसम आते ही तापमान घट जाता है, लोगों की वेशभूषा बदल जाती है, वहीं गर्मी की चिलचिलाती धूप गुनगुनी और आनंदमय लगने लगती है। ओंस की बूंदे पेड़ - पौधों के पत्तों पर बिखर कर मोतियों सी प्रतीत होती हैं। दूर कहीं ऊंचे -ऊंचे पर्वत बर्फ की मोटी-मोटी परतों से ढक कर भोर में सूर्य की किरणों से चाँदी की तरह चमकते हैं।


Photo credit: adirondack-park.net
मैदानी इलाक़ों में फैले बड़े - बड़े मैदान जो ज़मीन को आसमान से मिलाने की क्षमता रखते हैं उनका क्षितिज भी धुंध से धुंधला पड़ जाता है। मगर उन मैदानों पर गेंहूँ की बालियाँ सूर्य प्रकाश में सोने सी चमकती हैं। प्रवासी पक्षियों का आवागमन शुरू हो जाता है, वन हो या छोटा या बाग़, हमें अलग अलग प्रकार की पक्षियों के देखने और उनकी सुरीली ध्वनि सुनने का अच्छा अवसर मिलता है। प्राकर्तिक के आँगन में शरद मौसम की इस बहार से सुंदरता और भी बढ़ जाती है। गुलाब, गुलदाउदी, नरगिस ना जाने कितने अलग - अलग प्रकार के पुष्प दूर दूर तक अपना साम्राज्य स्थापित कर लेते हैं। शरद ऋतु की सामाजिक और धार्मिक महत्वता प्राकर्तिक महत्वता से कम नहीं है। यही तो वह मौसम है जिसमे व्रत उपवास, त्यौहार, तीर्थ, पूजा, समाहित है। यह ख़ुशी उल्लास और उमंग का मौसम है। जहाँ इस मौसम में ख़रीफ़ की कटाई होती है वही दूसरी ओर दिन रात काम करने वाला देश का अन्नदाता किसान रबी की फ़सल बोने की तैयारी करता है। वाणिज्य और व्यापार के लिए सबसे अनुकूल मौसम, अधिकतर विवाह भी इसी मौसम में होते हैं इस प्रकार से शुभ आयोजन, स्वच्छता आदि से इस मौसम का गहरा संबंध है। इस तरह शरद ऋतु अपने सौंदर्य के साथ श्रृंगार करने में सक्षम है। इसके आगमन से प्रकृति का मिजाज़ तो बदलता ही है , हमारे अपने रीति - रिवाज, संस्कार, पहनावा रहन - सहन में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव आ जाते हैं।

-अबुज़ैद अंसारी

अबुज़ैद अंसारी जामिया मिल्लिया इस्लामिया (नई दिल्ली) जनसंचार मीडिया / पत्रकारिता के छात्र हैं। आप जीवनमैग के सह -संपादक हैं, और नवाबों के शहर लखनऊ से ताल्लुक़ रखते हैं। 




2 comments :

  1. Amazing blog and very interesting stuff you got here! I definitely learned a lot from reading through some of your earlier posts as well and decided to drop a comment on this one!

    ReplyDelete

Please Share your views about JeevanMag.com

A series of skype group conversations beetween students from India & Pakistan

A series of skype group conversations beetween students from India & Pakistan
Proudly sponsored by JeevanMag.com
 
Copyright © 2016 Jeevan Mag
Editor-in-chief Akash Kumar Executive Editor Nandlal Mishra Associate Editor AbuZaid Ansari Publisher Blue Thunder Student AssociationShared by WpCoderX
Blogger Widgets