यह बात तब
की है जब
मैँ 5वीँ जमात
मेँ पढता था
। बिहार के
स्कुलोँ मेँ तब
संक्षिप्त रामायण एक विषय
के तौर पर
पढाया जाता था
। एक बार
चलती क्लास के
दौरान यकायक एक
एजुकेशन इंस्पेक्टर अंदर आये
....शिक्षक से कुछ
जरुरी बातेँ की
और फिर उंगली
के इशारे पर
मुझे खड़ा किया.....और पुछा
-बताओ शिव धनुष
किसने तोड़ा? ... मैँ
कांप गया ...मेरे
कंठ सूख गये...
किसी तरह हिम्मत
जुटा कर रुँधे
गले से बोला
--हअअजउउर मैँने नहीँ तोड़ा...
इतना कहना था
कि मेरे टीचर
गुस्से से बोले--
नहीँ सर... यह
सरासर झूठ बोल
रहा है ,इसी
ने तोड़ा होगा
,यही क्लास का
सबसे शैतान लड़का
है. जवाब मेँ
मैँ डरते डरते
बोला --सअरअअ यकीनन मैं
बहुत शैतान हूँ,
मअअ...गगर इस
क्राइम से अनजान
हूँ....आरोप प्रत्यारोप
का सिलसिला कुछ
देर जारी रहा....
मैँ कहता मैंने
नहीँ तोड़ा... वे
कहते तुमने हीई
तोड़ा....फिर क्या
था साहब हमदोनोँ
को पीछे पीछे
आने का हुक्म
सुनाकर प्रिँसिपल रुम की
ओर चल दिये
। अब हम
दोनोँ सहमे से
लग रहे थे.हेडमास्टर ने तुरंत
उन्हेँ कुर्सी दी..... चपरासी
को फौरन ठंडा-
वंडा और मिठाई
हाज़िर करने को
कहा और खुद
ठकुसुहाती करते हुए
आगे के दांत
निपोड़ कर परेशानी
का कारण पुछा....साब ने
पूरा वाकया एक
ही सांस मेँ
कह सुनाया ।
हेडमास्टर तो पहले
कुछ झिझके किँतु
तुरंत छिछोलेदार होकर
बोले-- बस इतनी
सी बात.... अरेएए
आप टेँशन मत
लीजिये.... धनुष जिसने
भी तोड़ा हो
मैँ उसकी मरम्मत
करवा दूँगा.... ....तब
जाकर मैँने राहत की
एक लंबी साँस
ली.....
 नंदलाल मिश्रा
 नंदलाल मिश्रा 
प्रबंध संपादक
जीवन मैग
----------- www.jeevanmag.tk ------------------------------------
जीवन मैग जनवरी 2014 अंक से उद्धृत- मूल अंक यहाँ से डाउनलोड करें - https://ia600505.us.archive.org/7/items/JeevanMag4/Jeevan%20Mag%204.pdf
 नंदलाल मिश्रा
 नंदलाल मिश्रा प्रबंध संपादक
जीवन मैग
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जीवन मैग जनवरी 2014 अंक से उद्धृत- मूल अंक यहाँ से डाउनलोड करें - https://ia600505.us.archive.org/7/items/JeevanMag4/Jeevan%20Mag%204.pdf

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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