मुहब्बत में जो हारा है
ग़मों से ख़ूब मारा है
वो जो ज़िंदा है मर मर के
उसे जीना सिखाना है
मुझे उसको बताना है
कहाँ उसका ठिकाना है
बहुत से राज़ थे दिल में
जो दिल में दफ़्न कर डाले
मिली एक हार ने दिल पर
हैं कितने ज़ख्म कर डाले
उसे जिसने हराया था
मुझे उसको हराना है
मुझे उसको बताना है
कहाँ उसका ठिकाना है
अभी मैं क्या लिखूंगा इन
मुहब्बत के फ़सानों को
ग़मों के दर्द के दिल के
बे-मतलब टूट जाने को
अभी मैं बुन रहा हूँ लफ्ज़
मुझे क़िस्सा बनाना है
कहानी जो अधूरी है
उसे पूरी बनाना है
मुझे उसको बताना है
कहाँ उसका ठिकाना है
ग़मों से ख़ूब मारा है
वो जो ज़िंदा है मर मर के
उसे जीना सिखाना है
मुझे उसको बताना है
कहाँ उसका ठिकाना है
बहुत से राज़ थे दिल में
जो दिल में दफ़्न कर डाले
मिली एक हार ने दिल पर
हैं कितने ज़ख्म कर डाले
उसे जिसने हराया था
मुझे उसको हराना है
मुझे उसको बताना है
कहाँ उसका ठिकाना है
अभी मैं क्या लिखूंगा इन
मुहब्बत के फ़सानों को
ग़मों के दर्द के दिल के
बे-मतलब टूट जाने को
अभी मैं बुन रहा हूँ लफ्ज़
मुझे क़िस्सा बनाना है
कहानी जो अधूरी है
उसे पूरी बनाना है
मुझे उसको बताना है
कहाँ उसका ठिकाना है
अबूज़ैद अंसारी जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नयी दिल्ली में बारहवीं कक्षा के छात्र हैं. आप जीवन मैग के सह-संपादक हैं और नवाबों के शहर लखनऊ से ताल्लुक़ रखते हैं. |
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