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Tuesday, 23 September 2014

Mangalyaan creates history, ISRO first space agency to succeed in first attempt!

 And we did it! India becomes the first nation to succeed in its maiden voyage to Mars! ISRO's Mars Orbiter Mission Mangalyaan creates history marking India as one of the space superpowers! It took just one-tenth money of a common mars probe & is even cheaper than the budget of Hollywood movie 'Gravity'! ISRO joins the elite group of 3 other space agencies (NASA, RFSA & ESA) to have a mars mission! Now, we can proudly say that China is nowhere in the space race with us. All thanks to the scientists at ISRO - Indian Space Research Organisation!!! A moment of pride for every Indian! & rejoice for every human!
PM Modi says- MoM never disappoints! 
Team Jeevan Mag congratulates ISRO on its grand success. 
 #Proud2BeAnIndian #Mangalyaan

 - Akash Kumar 
  Editor-in-chief 
  JeevanMag.com



बधाई हो भारत- गर्व है की हम भारतीय हैं
आज के दिन को आने वाली सदियाँ हमेशा याद रखेंगी, यह ऐतिहासिक दिन है। हम भाग्यशाली हैं कि हमने अपनी आँखों से इतिहास को बनते देखा है। आज फिर एक बार हम सब भारतवासियों को अपने भारतीय होने पर गर्व महसूस हो रहा हैं। भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया मोड़ आया है। हमारे वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया कि वो दुनिया में किसी से पीछे नहीं है। भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने पहली ही बार में इतनी बड़ी सफलता हासिल कर ली। शब्द कम पड़ रहे हैं इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ़ करने के लिए। भारत का मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) नामक प्रोग्राम पैसठ करोड़ किलोमीटर (650000000 km ) की अपनी अंतरिक्ष यात्रा को पूरा कर के आज मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंच गया। सबसे ख़ास बात यह है कि मात्र 74 मिलियन डॉलर्स (लगभग 4514777000 रुपए) के खर्च में भारत ने इस मिशन को पूरा किया जो औरों की तुलना में बहोत कम है। इस महान कीर्तिमान पर अटल जी का नारा याद आता है- जय जवान , जय किसान, जय विज्ञान।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी, इसरो का उपग्रह मंगलयान मंगल ग्रह की अंडाकार कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर चुका है. ये भारत के अंतरिक्ष शोध में एक कालजयी घटना है. इस अभियान की कामयाबी से भारत ऐसा देश बन गया है जिसने एक ही प्रयास में अपना अभियान पूरा कर लिया. भारत के मंगल अभियान का निर्णायक चरण 24 सितंबर को सुबह यान को धीमा करने के साथ ही शुरू हो गया था.
इस मिशन की सफलता इन्हीं 24 मिनटों पर निर्भर थी, जिस दौरान यान में मौजूद इंजिन को चालू किया गया.इस ऐतिहासिक घटना का गवाह बनने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंगलोर के इसरो केंद्र में मौजूद रहे.
इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा, " आज इतिहास बना है. हमने लगभग असंभव कर दिखाया है. मैं सभी भारतीयों और इसरो वैज्ञानिकों को मुबारक देता हूं. कम साधनों के बावजूद ये कामयाबी वैज्ञानिकों के पुरुषार्थ के कारण मिली है."


मंगलयान से भारत को क्या फायदा होगा ?

 

मंगल की कक्षा में स्थापित हो जाने के बाद मंगलयान इसके वायुमंडल, खनिजों और संरचना की रिपोर्ट वापस भेजेगा. मंगलयान के साथ पांच उपकरण भेजे गए हैं जो वहां से जांच कर संकेत भेजेंगे. इन उपकरणों का कुल भार 15 किलो है.

1. मीथेन सेंसर - यह मंगल के वातावरण में मीथेन गैस की मात्रा को मापेगा. कहां से मीथेन आ रही है इसका स्रोत भी पता करेगा.

2. थर्मल इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर- यह मंगल की सतह का तापमान पता करेगा. साथ ही तापमान के निकलने का स्रोत पता करेगा. जिससे मंगल के सतह की संरचना और वहां मौजूद खनिज के बारे में पता चलेगा.

3. मार्स कलर कैमरा जो मंगल के फोटो खींच कर भेजेगा.

4. लमेन अल्फा फोटोमीटर - यह मंगल के ऊपरी वातावरण में ड्यूटीरियम तथा हाइड्रोजन की मात्रा मापेगा.

5. मंगल इक्सोस्फेरिक न्यूट्रल संरचना विश्लेषक (MENCA) - यह बाहरी हिस्से में जो कण मिलेगें उसकी जांच करेगा

मंगल के वैज्ञानिक अध्ययन के अलावा यह मिशन इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह भारत के लिए दूसरे ग्रहों की जांच करने के सफल अभियानों की शुरुआत करेगा.

।। जय हिन्द ।। जय भारत ।।


अबूज़ैद अंसारी
                                       सह-संपादक
                         जीवनमैग डॉट कॉम

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