गुज़रते रंज में अफ़सोस में हैं ये सारे दिन
मुझे फिर याद आए हैं मुहब्बत के वो प्यारे दिन
वो तन्हाई में तुमको याद करना और रोना था
मेरी नज़रों का टकराना तेरा शर्मिंदा होना था
मुलाक़ातों पे एक दूजे से हम ना बोल पाते थे
हज़ारों लफ्ज़ आँखों से ही सुनते और सुनाते थे
नाज़ुक हाथ तेरा थाम कर चलता था राहों पर
ग़ुरूर खुद पर मैं था करता क़िस्मत आसमानों पर
मुझे याद आया वो दिन तूने जब साथ छोड़ा था
कहा मजबूर हूँ समझो ये कहकर हाथ छोड़ा था
कहाँ हो तुम चले आओ अधूरा हूँ मैं तेरे बिन
गुज़रते रंज में अफ़सोस में हैं ये सारे दिन
मुझे फिर याद आए हैं मुहब्बत के वो प्यारे दिन
वो तन्हाई में तुमको याद करना और रोना था
मेरी नज़रों का टकराना तेरा शर्मिंदा होना था
मुलाक़ातों पे एक दूजे से हम ना बोल पाते थे
हज़ारों लफ्ज़ आँखों से ही सुनते और सुनाते थे
नाज़ुक हाथ तेरा थाम कर चलता था राहों पर
ग़ुरूर खुद पर मैं था करता क़िस्मत आसमानों पर
मुझे याद आया वो दिन तूने जब साथ छोड़ा था
कहा मजबूर हूँ समझो ये कहकर हाथ छोड़ा था
कहाँ हो तुम चले आओ अधूरा हूँ मैं तेरे बिन
गुज़रते रंज में अफ़सोस में हैं ये सारे दिन
अबूज़ैद अंसारी जामिया मिल्लिया इस्लामिया नयी दिल्ली में बारहवीं कक्षा के छात्र हैं. आप जीवन मैग के सह-संपादक हैं और नवाबों के शहर लखनऊ से ताल्लुक़ रखते हैं. |
Roman Text
Guzarte ranj me afsos me hain ye saare din
mujhe fir yaad aaye hain muhabbat ke wo pyaare din
wo tanhaai mein tumko yaad karna aur rona tha
meri nazron ka takrana tera sharminda hona tha
Mulakaton pe ek dooze se ham na bol paate the
hazaaron lafz aakhon se hi sunte aur sunate the
Najuk hath tera tham kar chalta tha rahon par
gurur khud par main tha karta kismat aasmanon par
Mujhe yaad aaya wo din tune jab sath chhoda tha
kaha majboor hoon samjho ye kahkar hath chhoda tha
kahan ho tum chale aao adhura hoon main tere bin
guzarte ranj me afsos me hain ye sare din
love u...dil ki dastaa hai...
ReplyDeleteShukriya! AbZaid Ansari ki rachnayen yahan padhen: http://www.jeevanmag.com
ReplyDeletehttp://abuzaid.jeevanmag.com
ReplyDeleteGreat article, Thanks for your great information, the content is quiet interesting. I will be waiting for your next post.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
DeleteHey keep posting such good and meaningful articles.
ReplyDeleteThis is looking like a NAZM not a ghazal...however...nice one...//
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