सतपुड़ा के
घने जंगलों से भवानी
के बोल और गोंड
के ढोल गूंज उठे
हैं....जब कि होली
पास आती,सरसराती घास
गाती, और महुए से
लपकती, मत्त करती बास
आती, गूंज उठते ढोल
इनके,गीत इनके, बोल
इनके.....और बच्चन का
ये अलमस्त गीत – होली
खेले रघुबीरा अबध में....जिधर
देखिये नज़रों में एक
से बढ़ कर एक
अलौकिक रंग घुले-मिले
छाये हैं | आप सबको
जीवन मग की ओर
से इस पवित्र त्यौहार
कि हार्दिक शुभकामनाएं | आप
सभी प्यार, ख़ुशी और
इंसानियत के रंग एक
दूजे को लगायें और
कोशिश करें कि यही
रंग बचे रहें बाक़ी
उतर जाएं | जब ये
लेख लिखने बैठा हूँ
पुरे देश में लोकसभा
चुनाव के अच्छे भद्दे
विविध रंगों के दर्शन
हो रहे हैं | दुनिया
के सबसे बड़े लोकतंत्र
का यह उत्सव सफल
हो और देश का
भविष्य भले लोंगों के
हाथ जाये इसके लिए
इस बार हम सब
को मिल कर प्रयत्न
करना है| आप सबों से
अपील है कि आप
भी मतदान में भाग
लें और वंचितों को
भी इसमें शामिल करें|
शायद देशहित में इस
काम से हमें गुरेज़
नहीं होगा| एक ओर
जहाँ सचिन को इस
पीढ़ी के सबसे बड़े
क्रिकेटर का तमगा प्रदान
किया जा रहा है
वहीँ दूसरी ओर मलेशिया
का खोया विमान एक
रहस्य बना हुआ है|
विमान का अब तक
कोई पता न लगा
पाना हमारी तकनीकी विफलता
का परिणाम है| दोस्तों,
इनदिनों रंगों-बहारों के
मौसम बसंत के साथ
परीक्षाओं का भी दौर
चल रहा है| सभी
प्रतिभागियों को बोर्ड और
प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ
साथ बेहतर परीक्षा परिणामों
की हार्दिक शुभकामनाएँ| जीवन
मग सदस्यों कि परीक्षा
तैयारियों की व्यस्तताओं के
मद्देनज़र फरवरी अंक प्रकाशित
नहीं कर क्षमाप्रार्थी हूँ|
यह संयुक्त रूप से
फरवरी-मार्च अंक है|
आशा है आपको पसंद
आएगा| हाँ, आपकी प्रशंसाओं
सुझावों एवं शिकयतों का
इंतज़ार रहेगा| अपने विचारों
से ज़रूर रूबरू करने
की कृपा करें|
अगले अंक तक......नमस्कार!
Excerpted from- Jeevan Mag Feb.- march 2014 issue
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अगले अंक तक......नमस्कार!
(नंदलाल मिश्रा जीवन मैग के प्रबंध संपादक हैं। आप दिल्ली विश्वविद्यालय मे बी.टेक मानविकी द्वितीय वर्ष के छात्र हैं तथा दिल्ली विश्वविद्यालय कम्युनिटी रेडियो में कार्यक्रम समन्वयक भी हैं।)
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